उन्होंने कहा कि मंत्री के इस बयान पर न तो मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की प्रतिक्रिया आई और न ही भाजपा संगठन ने ही कुछ कहा। इससे साफ पता चलता है कि चाल, चरित्र और चेहरे के दुहाई देने वाली पार्टी की स्थिति क्या है।
क्या लोकतंत्र में अपने हक, अधिकार और सम्मान के लिए अपनी आवाज उठाना अपराध है? आज प्रदेश में जनता परेशान है। कानून व्यवस्था की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के साथ महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं।
भाजपा ने चुनाव के समय महिला, किसान और युवाओं से जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। जब इसको लेकर सवाल उठाया जाता है तो उन्हें भिखारी करार दे दिया जाता है। यह कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।