भोपाल में डॉक्टर की आत्महत्या और उनके आखिरी शब्दों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस की शुरुआती जांच में आए तथ्य बेटी की हत्या के बाद सुसाइड की ओर इशारा कर रहे हैं। अब पुलिस को सिर्फ पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं बुजुर्ग हरिकिशन शर्मा ने मौत से पहले चार पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें उन्होंने हड्डियों की बीमारी, असहनीय दर्द और अन्य बीमारियों का जिक्र किया है। उन्होंने बेटी के फ्यूचर को लेकर चिंतित होने की बात लिखी है। नोट में साफ लिखा कि, मैं स्वाभिमानी व्यक्ति हूं...जिंदगीभर किसी पर बोझ नहीं रहा, न ही आगे रहने चाहता हूं।
उम्र के इस पड़ाव पर बेटी को मेंटल डिसऑर्डर की बीमारी से जूझता देख रहा हूं। उसकी केयर करने में सक्षम नहीं हूं। खुद कई बीमारियों से जूझ रहा हूं। चाहता था बेटी शादी कर सैटल हो जाए, लेकिन वह शादी के नाम से ही चिड़चिड़ाने लगती है। आपे से बाहर हो जाती है, मैं कतई नहीं चाहता कि मेरी मौत के बाद बेटी किसी पर भी बोझ रहे। मुझे किसी से कोई शिकवा और शिकायत नहीं है।
मैं जो कुछ करने जा रहा हूं, अपनी मर्जी से और पूरे होशो हवास में करने जा रहा हूं। आत्महत्या से पहले बुजुर्ग ने अपने सुसाइड नोट में मुख्य तौर पर इन बातों का जिक्र किया। पुलिस का अनुमान है कि सुसाइड शनिवार-रविवार की रात किया गया। जबकि रविवार की सुबह पुलिस ने बेटी चित्रा शर्मा और उनकी बॉडी को घर से अलग-अलग कमरों से बरामद किया।
टीआई अवधेश सिंह तोमर ने बताया, 82 साल के हरिकिशन शर्मा शक्ति नगर में रहते थे। उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। 36 साल की बेटी चित्रा शर्मा उन्हीं के साथ रहती थी। बेटी होम्योपैथिक डॉक्टर है। वह स्वयं भी घर में होम्योपैथिक क्लिनिक का संचालन करते थे। 22 साल पहले भेल से रिटायर्ड हुए थे। मां की मौत के बाद करीब चार साल से चित्रा की दिमागी हालत ठीक नहीं थी।
रविवार सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली कि बेटी और पिता ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंचे तो पिता का शव रस्सी से बने फंदे पर उनके कमरे में लटका मिला। बेटी का शव बेडरूम में बिस्तर पर था। बेटी के मुंह से झाग निकलता नहीं दिखा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसे कोई जहरीली टैबलेट देकर मारा गया है।
शव को पीएम के बाद दामाद के हवाले किया
हमीदिया हॉस्पिटल की मर्चुरी में रविवार की शाम पीएम के बाद बॉडी मृतक हरिकिशन शर्मा के दामाद के सुपुर्द कर दी गई। उनके साथ पड़ोसी भी पीएम हाउस के बाहर मौजूद रहे। हालांकि दामाद ने ससुर और साली की मौत पर किसी भी तरह की बात करने से इनकार कर दिया।
घर में होम्योपैथी डिस्पेंसरी चलाते थे बुजुर्ग
टीआई अवधेश सिंह तोमर ने बताया, हरिकिशन भेल से रिटायर्ड हो चुके थे। वह लोगों का होम्योपैथिक इलाज करते थे। हरिकिशन की पत्नी और बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है। इसी के बाद से वह भी तनाव में रहते थे। बीमार बेटी की देखरेख भी वही करते थे। घर में ही डिस्पेंसरी चलाते थे। जहां उन्होंने फांसी लगाई, वहां से बड़ी मात्रा में दवाएं मिली हैं। जिसे वह लोगों को दिया करते थे।
एक बेटी की हो चुकी है शादी हरिकिशन की एक बेटी की शादी हो चुकी है। उनके बेटी-दामाद भोपाल में ही रहते हैं। कभी कभार उन्हें देखने भी आते थे। दामाद ने पुलिस को बताया कि, बेटे और पत्नी की मौत के बाद ससुर अंदर से टूट चुके थे। इसी तनाव में चित्रा मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो चुकी थी। वहीं पुलिस मामले की जांच अन्य एंगल पर भी कर रही है।
बेटी को जहर देने के बाद सुसाइड की आशंका एडिशनल डीसीपी महावीर सिंह मुजालदे ने बताया कि, सुसाइड नोट में पिता ने इस बात का भी जिक्र किया है कि बेटी शादी नहीं कर रही है। बहुत ही ज्यादा चिड़चिड़ी हो चुकी है। मेंटल डिसऑर्डर का शिकार है। मौका मुआयना करने पर जो हालात दिखे, उससे यह प्रतीत होता है कि बेटी को जहरीला पदार्थ देने के बाद पिता ने सुसाइड किया है। हालांकि मौत के सही कारणों का खुलासा पीएम रिपोर्ट में हो सकेगा।