कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी निजी यात्रा पर रणथंभौर में हैं। राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह-शाम और शुक्रवार को सुबह लगातार टाइगर सफारी का लुत्फ उठाया। इस दौरान उन्हें लगातार तीनों सफारी में बाघ-बाघिन के दीदार हुए। जोन नंबर 2 में फिमेल टाइगर को शिकार करते देखा।
तीन सफारी में लगातार टाइगर साइटिंग राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह जोन नंबर 3 के गूलर वन क्षेत्र में बाघिन सिद्धि के दीदार हुए। यहां शावक को स्वछंद घूमते देखकर राहुल गांधी खासे उत्साहित दिखाई दिए। गुरुवार शाम की पारी में जोन नंबर 2 में फीमेल टाइगर के दीदार किए। इस दौरान उन्होंने बाघिन टी-84 एरोहेड व उसके शावकों की अठखेलियां देखी। राहुल गांधी ने शिवराज एनीकट वन क्षेत्र में बाघिन और उसके शावकों को शिकार का लुत्फ उठाता देखा। जिसे उन्होंने अपने कैमरे में कैद किया। वहीं शुक्रवार सुबह की पारी में राहुल गांधी ने रणथंभौर के जोन नंबर 2 और 3 में सफारी की। जहां उन्होंने जोन नंबर 2 पर रिद्धि व उसके शावक और जोन नंबर 3 में ऐरोहेड व उसके शावकों के दीदार किए।
कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ फोटो खिंचवाई आज सुबह की पारी में टाइगर सफारी करने पहुंचे राहुल गांधी ने लोगों के साथ फोटो पर खिंचवाई इस दौरान आज सुबह की पारी में जब राहुल गांधी ने टाइगर पार्क के मैन गेट पर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष छुट्टन लाल मीणा से मुलाकात की। उन्होंने करीब 2 मिनट बात करके फ़ोटो भी खिंचवाई। छुट्टन लाल मीणा सवाई माधोपुर गणेश धाम पर रणथंभौर के टी-शर्ट, टोपी और हैंडीक्राफ्ट सामान बेचते हैं।
2 दिन पहले देर रात को पहुंचे रणथंभौर जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से बुधवार को सीधे अहमदाबाद से फ्लाइट से जयपुर पहुंचे और फिर जयपुर से सड़क मार्ग से सवाई माधोपुर पहुंचे। वे देर रात करीब 10 बजे सड़क मार्ग से रणथंभौर पहुंचे। यहां वह रणथंभौर के शेर बाग़ होटल में ठहरे हुए हैं।
गांधी परिवार का फेवरेट वेकेशन डेस्टिनेशन है रणथंभौर उल्लेखनीय है कि गांधी परिवार का रणथंभौर से गहरा लगाव है। राहुल गांधी की बहन और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी अक्सर रणथंभौर आती रहती है। उनके बच्चे और पति रॉबर्ट वाड्रा भी रणथंभौर आते रहते है। प्रियंका गांधी तो साल में करीब 2 से 3 बार रणथंभौर आती है। प्रियंका के अलावा सोनिया गांधी भी रणथंभौर आ चुकी है। वहीं राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी का भी रणथंभौर से गहरा लगाव था। वह पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां अपनी छुट्टियों के दौरान एक सप्ताह तक रणथंभौर रुके थे। फिलहाल राहुल गांधी रणथंभौर ट्यूर को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है और सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए है।
राजीव गांधी के नाम पर होता रणथंभौर पार्क रणथंभौर पार्क पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी बेहद पसंद था। वे सोनिया गांधी से शादी के तुरंत बाद रणथंभौर आए थे। इसके अलावा भी वे यहां कई बार आए। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए रणथंभौर के लिए कई काम कराए। साल 1998 से 2003 के बीच अशोक गहलोत पहली बार राजस्थान के CM बने तो उन्होंने रणथंभौर नेशनल पार्क का नाम राजीव गांधी के नाम पर करने की मंशा जाहिर की, लेकिन विपक्षी पार्टी भाजपा की ओर से विरोध जताए जाने पर विवाद से बचने के लिए गहलोत ने अपना इरादा टाल दिया था।
600 करोड़ रुपए का टूरिज्म अकेले टाइगर से रणथंभौर टाइगर रिजर्व
यह देश के सबसे लोकप्रिय टाइगर रिजर्व में से एक है, जो न केवल टाइगर बल्कि अन्य वन्यजीवों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। साल 2024 में यहां से लगभग 600 करोड़ रुपए का राजस्व होने की उम्मीद है।
जवाई बेरा कंजर्वेशन रिजर्व
यहां 50 से अधिक लेपर्ड हैं। यह क्षेत्र अपनी अनोखी लेपर्ड सफारी के लिए प्रसिद्ध है। इसका अनुमानित राजस्व करीब 150 करोड़ रुपए है।