प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अशोकनगर के ईसागढ़ स्थित श्री आनंदपुर धाम आ रहे हैं। वे दोपहर करीब 3 बजे यहां पहुंचेंगे और लगभग दो घंटे तक रुकेंगे। पीएम इस दौरान परमहंस अद्वैत मत के मंदिरों में दर्शन, प्रमुख गुरु से भेंट और सत्संग कार्यक्रम में शामिल होंगे।
इससे पहले प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आएंगे। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे से आनंदपुर के मुख्य गेट पर नेताओं को एंट्री दी जा रही है। पूर्व सांसद और विधायक को भी चेकिंग के बाद अंदर जाने दिया गया। लगभग दो किलोमीटर दूर से चेकिंग की जा रही है।
तीन प्रमुख मंदिरों के दर्शन करेंगे पीएम तय कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी सबसे पहले परमहंस अद्वैत मत के तीन प्रमुख मंदिरों के दर्शन करेंगे। इसके बाद वे आनंद सरोवर में पुष्प अर्पित करेंगे। फिर वे मोती हॉल पहुंचकर परमहंस अद्वैत मत के वर्तमान गुरु से मुलाकात करेंगे और फिर सत्संग हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उद्बोधन देंगे। पीएम के दौरे को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और लोकसभा सांसद जनार्दन सिंह भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद रहेंगे।
परिसर में चार हेलीपैड बनाए गए प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर आनंदपुर क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। बुधवार से ही आनंदपुर क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। एसपीजी, आईजी सहित संभागीय स्तर तक का पूरा पुलिस और प्रशासनिक अमला सतर्क है। सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है और सभी इंतजाम पुख्ता किए गए हैं।
पीएम की सुरक्षा के लिए एसपीजी की टीम ने भी आनंदपुर में डेरा डाल दिया है। स्क्वॉड डॉग्स की मदद से पूरे परिसर की सघन सर्चिंग की गई। परिसर में चार हेलीपैड बनाकर तैयार किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेता पहले ही आनंदपुर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले चुके हैं।
मोदी का 2025 में तीसरा दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2025 में मध्यप्रदेश का यह तीसरा दौरा है। ईसागढ़ से पहले वे 23 फरवरी छतरपुर के बागेश्वर धाम पहुंचे थे, जहां उन्होंने मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखी थी। साथ ही, 24 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2025 का उद्घाटन किया था।
श्री आनंदपुर धाम की स्थापना की कहानी कहा जाता है कि जब परमहंस दयाल जी महाराज (प्रथम पादशाही) आगरा में सत्संग दे रहे थे, तब ईसागढ़ निवासी सेठ पन्नालाल मोदी ने उनसे गांव आने का निवेदन किया। बाद में, द्वितीय पादशाही श्री परमहंस स्वरूप आनंद जी महाराज ने सन् 1929 में ग्वालियर राज्य में पदार्पण किया और ईसागढ़ क्षेत्र को परमार्थ का उपयुक्त स्थल माना।
सन् 1930 में भक्तों ने कठिन परिश्रम से उबड़-खाबड़ भूमि को हरे-भरे उद्यान में परिवर्तित किया और यहीं पर श्री आनंदपुर धाम की स्थापना हुई, जिसने क्षेत्रीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को नया स्वरूप दिया।
आनंदपुर धाम की स्थापना आध्यात्मिक और परोपकारी उद्देश्यों के लिए की गई है। 315 हेक्टेयर में फैले इस क्षेत्र में 500 से अधिक गायों के साथ एक आधुनिक गौशाला है और श्री आनंदपुर ट्रस्ट परिसर के अंतर्गत कृषि गतिविधियां संचालित की जाती हैं।