26/11 मुंबई हमलों के चश्मदीद मोहम्मद तौफीक ने कहा कि किसी को भी किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं है। मैं मुसलमान हूं, राणा भी मुसलमान है। किसी को किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं है। ANI के साथ इंटरव्यू में मुंबई हमलों आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाए जाने पर तौफीक ने ये बात कही।
ANI के साथ इंटरव्यू में तौफीक ने कहा- मैंने फिल्मों या टीवी पर भी ऐसा कुछ नहीं देखा था। मैंने एक आदमी को देखा, जिसकी लंबाई मेरी ही तरह थी। एक बैग और बंदूक लेकर मेरी ओर आ रहा था। उसने मेरे साथ गाली-गलौज की और मुझ पर बंदूक तान दी। तभी मुझे एहसास हुआ कि वह आदमी आतंकी था। मैंने पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, मैंने अपने घर पर भी फोन किया था।
तौफीक ने कहा...
हमने पाकिस्तान के साथ कुछ नहीं किया है। अगर पाकिस्तान आतंकियों को संरक्षण देता है तो उसी को नुकसान होगा। वहां यही हो रहा है। वहां विस्फोट हो रहे हैं। वे आतंकवादियों और डॉन को पनाह दे रहे हैं।
राणा का भारत आना सरकार की इच्छाशक्ति- रक्षा विशेषज्ञ
रक्षा विशेषज्ञ ध्रुव कटोच ने कहा कि तहव्वुर को भारत लाना यह एक राजनीतिक जीत है। इसमें कोई शक नहीं है। यह इस सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति थी।
उन्होंने कहा कि राणा पाकिस्तान से है, लेकिन वह एक कनाडाई नागरिक है। केंद्र सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में चुनौतियों को भी स्वीकारा, क्योंकि पाकिस्तान और अन्य देशों में कई लोग उसके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ थे।
तहव्वुर राणा 18 दिन की NIA कस्टडी में
2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की NIA की कस्टडी में भेजा है। एजेंसी ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड मांगी थी। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और गुरुवार देर रात 2 बजे फैसला सुनाया।
64 साल के तहव्वुर राणा को कल अमेरिका से भारत लाया गया था। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया था।
राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक
पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ा
पाकिस्तान ने गुरुवार को तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है।
पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं।
अमेरिका बोला- पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा
अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ'हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।
अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।