रायपुर
एक कलयुगी मां अपने बच्चे को तो बेच चुकी है, अब दूसरों का बच्चा चुरा रही है।
करीब चार माह पहले अपने बच्चे को उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में बेचने के बाद एक महिला और उसकी मां अब अंबेडकर अस्पताल से दूसरे के नवजात को चुराकर बेचने की तैयारी में थी। अंबेडकर अस्पताल से नवजात को चुराकर दोनों यूपी भाग रहे थे, लेकिन पुलिस ने रेलवे स्टेशन में उन्हें धरदबोचा। आरोपी महिला पायल साहू और उसकी मां रानी साहू दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया और नवजात को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया। पायल का भाई भाग निकला। पूरे मामले में एक एंबुलेंस ड्राइवर की भूमिका भी सामने आई है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पायल ने 1 अगस्त 2024 को अंबेडकर अस्पताल में एक बालक को जन्म दिया था। उस बालक को भी पायल और उसकी मां रानी ने यूपी के प्रयागराज में किसी व्यक्ति को बेच दिया है। इसमें मानव तस्करों का बड़ा रैकेट शामिल है। इसके जरिए नवजात बालक को भी बेचने की तैयारी थी। पायल और उसकी मां रानी पहले तेलीबांधा इलाके में रहते थे। वर्तमान में बीरगांव में रह रहे हैं। पायल का एक भाई भी है, वह भी इस काम में सहयोग करता है।
बिलासपुर जाने की तैयारी थी
आरंग इलाके की नीता प्रसव के लिए वार्ड-6 के बेड नंबर-1 में भर्ती थी। साथ में उनके परिजन भी थे। दो दिन पहले आरोपी पायल और उसकी मां रानी भी अस्पताल में अपने रिश्तेदार को भर्ती बताकर पहुंची। इसके दोनों प्लानिंग के तहत नीता के परिजनों से मेलजोल बढ़ाया। बातचीत करने लगे। नीता ने रात में बालक को जन्म दिया। उसके बाद नवजात को खिलाने लगे। इस तरह दोनों ने भरोसा जीता। इसके बाद मौका देखकर दोपहर करीब 1.30 बजे नवजात को लेकर दोनों भाग निकले। इसकी जानकारी होने पर नीता रोते हुए अंबेडकर अस्पताल के पुलिस सहायता केंद्र पहुंचे। उस समय सिपाही बलराज सिंह, नरेंद्र कुर्रे, भोजराम दुबे थे। पीडि़ता ने नवजात चोरी की सूचना दी, तो तत्काल बलराज ने पुलिस अफसरों को सूचना दिया। इसके बाद सीसीटीवी कैमरे की जांच शुरू की। इससे आरोपी महिलाओं के फुटेज मिल गए। मौदहापारा टीआई यामन देवांगन भी अस्पताल पहुंच गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम तत्काल रेलवे स्टेशन पहुंची। उस समय दोनों महिलाएं प्लेटफार्म 5 में ट्रेन का इंतजार करती मिली। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। उसी समय बिलासपुर की ओर जाने वाली ट्रेन भी पहुंची। पुलिस अगर 5 मिनट देरी से पहुंचती, तो आरोपी महिलाएं नवजात को लेकर फरार हो जातीं।
बच्चा चुराने वालों का बड़ा नेटवर्क
आरोपियों का नेटवर्क मानव तस्करों के बड़े गैंग से है। यही वजह है कि आरोपी महिलाएं दो दिन पहले से वार्ड में चक्कर काट रहे थे और प्रसूता व उनके परिवार से मेलजोल बढ़ा रहे थे। बिना मरीज के उनको वार्ड में आने-जाने से किसी ने नहीं रोका। वह नवजात लेकर आसानी से अस्पताल से निकल गईं और उसे रेलवे स्टेशन तक जाने के लिए एंबुलेंस भी मिल गया। उसका रेलवे टिकट भी बन गया। इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि आरोपियों के पीछे बड़ा गिरोह है। फिलहाल आरोपी महिला ने अपने बेटे को जिस व्यक्ति को बेचा है, पुलिस उसके बारे में भी पतासाजी कर रही है।
पहले भी हो चुकी है चोरी
वर्ष 2016 में जिला अस्पताल कालीबाड़ी से 5 फरवरी को एक नवजात चोरी हो गया था। एक युवती नर्स बनकर अस्पताल पहुंची और नवजात को टीका लगाने के नाम पर अपने साथ ले गई। नवजात का आज तक पता नहीं चल पाया है। कोतवाली पुलिस आरोपी युवती को अब तक पकड़ नहीं पाई है।