घटनास्थल की जांच के दौरान पुलिस को पास ही पड़ी सर्विस राइफल और आठ कारतूस मिले हैं। मिसरोद पुलिस संभाग के एसीपी रजनीश कश्यप ने बताया कि सीआरपीएफ जवान रविकांत ने फोन कर बताया था कि मैंने अपनी पत्नी को गोली मार दी है।
फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों को कितनी गोली लगी है। पत्नी की पीठ और पसली पर दो घाव साफ दिखाई दे रहे हैं। दोनों शव का पीएम एम्स अस्पताल में कराया जा रहा है। रविकांत वर्मा और पत्नी रेनू वर्मा सीआरपीएफ कैंप के पास सिविल कॉलोनी में किराए से रहते थे।
परिवार मूल रूप से भिंड के ग्राम मिहोना का रहने वाला था। रविकांत के दो बच्चे ढाई साल की बेटी और छह साल का बेटा है। रविकांत के दो अन्य भाई भी सीआरपीएफ में ही नौकरी करते हैं। रवि 13 साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था।
एसीपी रजनीश कश्यप ने बताया कि पति-पत्नी के शव एक कमरे में थे। जबकि दोनों बच्चे दूसरे कमरे में बैठे बिलख रहे थे। गोलियों की आवाज सुनने के बाद पड़ोसी मौके पर पहुंचे। तब तक पत्नी-पत्नी की मौत हो चुकी थी। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच आए दिन झगड़े की आवाज आती थी।