-हर जिले में एएसपी-डीएसपी की लीडरशिप में टास्क फोर्स गठित
रायपुर .
गांजे के बाद अब ड्रग्स तस्करी का गोरखधंधा तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने अब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स(एएनटीएफ) बनाया गया है। इसमें हर जिले में एक एएसपी और डीएसपी के मार्गदर्शन में 10-15 लोगों की टीम रहेगी। रायपुर में एएसपी संदीप मित्तल के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। गांजा, ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के बड़े मामलों एफआईआर तो थानों में दर्ज होगा, लेकिन इसकी जांच एएनटीएफ करेगी। इसमें जांच से लेकर जागरूकता लाने तक की जिम्मेदारी होगी। इसका मकसद जिले में मादक पदार्थों की तस्करी रोकना है।
रायपुर में 11 लोगों की टीम
रायपुर जिले में एएसपी साइबर-क्राइम संदीप मित्तल के नेतृत्व में एएनटीएफ का गठन किया गया है। टीम में 11 सदस्य हैं। टीम मादक पदार्थों की एंड टू एंड, फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन, सोर्स प्वाइंट, डेस्टिनेशन प्वाइंट और तस्करी स्त्रोत के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर कड़ी कार्रवाई करेगी। पिछले दिनों तेलीबांधा इलाके में पकड़े गए गांजा तस्करों से मिले इनपुट के आधार पर तीन और तस्करों को पकड़ा गया है।
रायपुर है हॉटस्पॉट
पिछले कुछ सालों से दिल्ली-मुंबई, पुणे, नागपुर, हैदराबाद जैसे शहरों से बड़ी मात्रा में सूखा नशा रायपुर पहुंच रहा है। माल भेजने का तरीका भी काफी बदला है। कूरियर सर्विस का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे तस्करों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती हो गई है। ये तस्कर हेरोइन, ड्रग्स, अफीम जैसे सूखा नशा बेच रहे हैं।
ओडिशा से आ रहा है माल
बड़े पैमाने पर गांजे की खेती ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बार्डर पर होती है। यहां से बड़े पैमाने पर पैकेजिंग करके देशभर में भेजा जाता है। गांजा तस्करी का मेन रूट महासमुंद-रायपुर, जगदलपुर और धमतरी रूट है। ज्यादातर माल रायपुर से ही जाता है। रेलवे, यात्री बस के अलावा मालवाहक वाहनों के जरिए भी इसकी तस्करी हो रही है।