ढाका बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में कथित भूमिका को लेकर सेना के 5 अफसरों को नजरबंद किया गया। इनमें ब्रिगेडियर जकारिया हुसैन, ब्रिगेडियर जनरल इमरान, RAB से कर्नल अब्दुल्ला अल-मोमेन, BGB के लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद रिदवानुल इस्लाम और ईस्ट बंगाल रेजिमेंट से मेजर मोहम्मद नोमान अल फारुक शामिल हैं।
इन सभी अधिकारियों को सभी को ढाका कैंटोनमेंट में नजरबंद रखा गया है। इन पर छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी का आदेश देने के आरोप लगाए गए हैं। इन्हें ऐसे वक्त पर नजरबंद किया गया है जब आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमान 6 अप्रैल से पांच दिन के रूस दौरे पर गए हुए हैं।
अफसरों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में आरोप लगाए हैं। जनरल हामिद पूर्व पीएम शेख हसीना के एडीसी भी थे। वहीं, भ्रष्टाचार केस में वारंट जारी बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।
बांग्लादेश की एक कोर्ट ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व पीएम शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल व 17 अन्य लोगों के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन पर धोखाधड़ी के जरिए आवासीय भूखंड हासिल करने का आरोप लगाया गया है।
आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट
शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।
हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई।
शेख हसीना बोलीं- अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से बचाया
8 अप्रैल को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा था अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से जिंदा रखा है। मैं वापस लौटूंगी। वो दिन जरूर आएगा जब अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाने वालों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाएगा।’
अवामी लीग की अध्यक्ष हसीना ने यह बात उस वक्त कही जब वो सोशल मीडिया पर अपने पार्टी नेताओं के परिवार वालों से बात कर रही थीं। पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वे भारत में शरण लेकर रह रही हैं।
हसीना ने बांग्लादेश सरकार के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस को लेकर कहा कि वो ऐसा शख्स है जिसे लोगों से कभी मोहब्बत नहीं थी। यूनुस ने गरीबों को छोटे-छोटे कर्ज ऊंची ब्याज दरों पर दिए और इस पैसे से कई देशों में ऐशोआराम की जिंदगी जी।