आखिर क्यों लिया जाता है ऐसा फैसला?
कोई भी टीम यह फैसला मैच की स्थिति को देखते हुए लिया जाता है। मैदान पर बैटिंग कर रहे बल्लेबाज से बेहतर अगर कोई दूसरा खिलाड़ी परिस्थिति को संभालने और टीम के लिए बड़ा स्कोर बनाने या फिर जीत में सहायक होने की स्थिति में टीमें यह फैसला लेती हैं। हालांकि, मुंबई ने तिलक वर्मा की जगह मिचेल सेंटनर और चेन्नई ने डेवोन कॉन्वे की जगह रविंद्र जडेजा को मैदान उतारा, लेकिन उसे अधिक फायदा नहीं हुआ। टीम की हार को वे रोक नहीं सके।
कोई भी टीम यह फैसला मैच की स्थिति को देखते हुए लिया जाता है। मैदान पर बैटिंग कर रहे बल्लेबाज से बेहतर अगर कोई दूसरा खिलाड़ी परिस्थिति को संभालने और टीम के लिए बड़ा स्कोर बनाने या फिर जीत में सहायक होने की स्थिति में टीमें यह फैसला लेती हैं। हालांकि, मुंबई ने तिलक वर्मा की जगह मिचेल सेंटनर और चेन्नई ने डेवोन कॉन्वे की जगह रविंद्र जडेजा को मैदान उतारा, लेकिन उसे अधिक फायदा नहीं हुआ। टीम की हार को वे रोक नहीं सके।