एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर आज जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की दूसरी बैठक होगी। बैठक संसद के एनेक्सी भवन के मुख्य समिति कक्ष में दोपहर 3 बजे बुलाई गई है।
भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय कमेटी में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। विपक्षी सांसदों ने JPC का कार्यकाल बढ़ाकर एक साल करने ही भी मांग की। JPC को बजट सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश करनी है।
इससे पहले 8 जनवरी को JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें सभी सांसदों को 18 हजार से ज्यादा पेज की रिपोर्ट वाली एक ट्रॉली दी गई थी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में कोविंद समिति की रिपोर्ट और अनुलग्नक की 21 कॉपी शामिल है। इसमें सॉफ्ट कॉपी भी शामिल है।
पहली बैठक की चर्चा, पॉइंट्स में...
कानून मंत्रालय के प्रेजेंटेशन के बाद प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने एक साथ चुनाव कराने से खर्च कम होने के दावे पर सवाल उठाए थे।
विपक्ष ने पूछा था कि क्या 2004 लोकसभा चुनाव के बाद खर्च का कोई अनुमान लगाया गया था, जब पहली बार सभी 543 सीटों पर EVM का इस्तेमाल किया गया और माना जाता है कि इससे खर्च कम हुआ था।
विपक्ष ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कई राज्यों की विधानसभा उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग करने और उनका कार्यकाल लोकसभा के साथ जोड़ने से संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन होता है।
भाजपा के संजय जायसवाल ने कहा कि 1957 में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए 7 विधानसभाएं समय से पहले भंग की गई थीं। तब क्या तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, जो संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे, नेहरू और अन्य सांसदों ने संविधान का उल्लंघन किया था।
भाजपा की सहयोगी पार्टी JDU ने सवाल किया कि क्या मध्यावधि चुनाव के बाद छोटे कार्यकाल के लिए चुनी गई सरकार में शासन के लिए वह फोकस होगा जो पांच साल के कार्यकाल वाली सरकारों में होता है।
संसद में बिल पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई थी
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल रखा था। विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद बिल पेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई थी।
कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट संशोधित करने के लिए पर्ची से दोबारा मतदान हुआ। इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री ने बिल दोबारा सदन में रखा।
कांग्रेस बोली- बिल पेश करते समय सरकार 272 सांसद नहीं जुटा पाई
कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर 20 दिसंबर को कहा कि भाजपा इस बिल को कैसे पास कराएगी? क्योंकि संविधान संशोधन के लिए उसके पास सदन में दो तिहाई बहुमत (362 सांसद) नहीं हैं। बिल भले ही JPC के पास भेजा गया, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करती है।
दरअसल, 20 दिसंबर को राज्यसभा में इस बिल से जुड़े 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से राज्यसभा के सदस्यों को समिति में मनोनीत करने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा था।
इसके बाद संसद की संयुक्त समिति को दोनों विधेयकों की सिफारिश करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया। फिर बिल को 39 सदस्यीय JPC के पास भेजने का फैसला किया गया।